Tuesday, November 2, 2010
गैस्ट टीचर भर्ती में घोटाले की जांच तेज, 7 डिप्टी डायरेक्टर जांचेंगे रिकार्ड
हिसार: हरियाणा सरकार द्वारा देर से ही सही पर अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियो में अधिकारियों द्वारा किए गए व्यापक गोलकाल की जांच तेज कर दी है। नियमों को ताक पर रखकर वर्ष 2005 में की गई नियुक्तियों को भी जांच के दायरे में ले लिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा एक विशेष नीति के तहत दिसम्बर 2005 में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की गई थी, जिसमें गांव के प्रार्थी को प्राथमिकता दी गई थी। शिक्षा विभाग को अतिथि अध्यापकों की भर्ती में भारी अनियमितताओं, भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद की शिकायतें भर्ती के समय से ही प्राप्त हो रही थी, जिस पर यदा-कदा कार्रवाई भी होती रही। परंतु भारी संख्या में शिकायतें मिलने के बाद विभाग ने 17 नवम्बर 2007 को नए अतिथि अध्यापकों की भर्ती करने पर प्रतिबंध लगा दिया था परंतु कुछ अधिकारियों व स्कूल मुखियाओं ने नियमों को धत्ता दिखाकर गुपचुप ढंग से अपने चहेतों को नियुक्तियां देना जारी रखा। पैसे लेकर नियुक्तियां देने के आरोप भी लगते रहे। आखिरकार सरकार ने मामले का संज्ञान लेकर पत्र क्रमांक 15/59-2005 सी.ओ. (4) दिनांक 27-10-10 जारी कर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को अतिथि अध्यापकों के बारे में तमाम दस्तावेज व नियुक्ति हेतु अपनाई गई पूरी प्रक्रिया का रिकार्ड उपलब्ध करवाने व जांचने का आदेश दिया है। डायरेक्टर सैंकेडरी एजुकेशन हरियाणा द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विभाग को इस प्रकार की प्रमुख शिकायतें मिलीं कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियों के समय विद्यालय में रिक्त पदों का विज्ञापन स्कूल गेट पर नहीं लगाया गया, मैरिट लिस्ट नहीं बनाई गई, नियुक्ति प्रक्रिया का रिकार्ड नहीं रखा गया, मैरिट लिस्ट बनाने में सही क्राइटेरिया नहीं अपनाया गया, बिना उपयुक्त योग्यता व सब्जेक्ट कंबीनेशन वालों को भी नियुक्त किया गया, बिना वर्कलोड गैस्ट टीचर रखे गए तथा 17 नवम्बर 2007 को अतिथि अध्यापकों की भर्ती पर प्रतिबंध लगने के बावजूद भी गैस्ट टीचर नियुक्त किए गए। विभाग ने उपरोक्त अनियमितताओं की व्यापक जांच का निर्णय लेते हुए 7 डिप्टी डायरेक्टरों को जांच प्रभारी नियुक्त करते हुए अलग-अलग जिलों की जिम्मेवारी सौंपी है। जिसमें डिप्टी डायरेक्टर जयवीर ढांडा को मेवात, रेवाड़ी व महेन्द्रगढ़, जिले सिंह को फरीदाबाद, गुडग़ांव, पलवल, करण सिंह को झज्जर, रोहतक, भिवानी, हरचरण सिंह को कुरूक्षेत्र, करनाल व जींद, दिलबाग सिंह को सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, दयानंद यादव को सोनीपत, कैथल व पानीपत तथा श्रीमती सुशील बतरा डिप्टी डायरेक्टर एससीईआरटी को पंचकूला, अम्बाला व यमुनानगर जिलों में जांच का जिम्मा सौंपा गया है। निदेशक सैंकेडरी एजुकेशन हरियाणा द्वारा इन सभी डिप्टी डायरेक्टरों को हर हाल में 10 नवम्बर तक की तय सीमा में जांच की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के सख्त आदेश दिए गए हैं। इन्हें नियमों का उल्लंघन करने व अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों तथा गलत ढंग से नियुक्त हुए अतिथि अध्यापकों की एक विशेष रिपोर्ट बनाकर 15 नवम्बर को विभाग को देने के आदेश भी दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग के आदेशों की अनुपालना में सभी अतिथि अध्यापकों के रिकार्ड व तथ्य एकत्रित करने का कार्य तेज गति से चल रहा है। डिप्टी डायरेक्टर्स जिला मुख्यालयों का निरंतर दौरे कर जांच की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। विभाग द्वारा इस बार गंभीरता से की जा रही जांच से जहां अतिथि अध्यापकों में हडक़म्प मचा हुआ है। वहीं, उनके नियोक्ता अधिकारी अपने बचाव में भागदौड़ करने में जुट गए हैं। अतिथि अध्यापकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच से कई बेरोजगार अध्यापक अब खुलकर अपनी शिकायतें व गड़बडिय़ों की सूचना जांच दल को मौके पर ही देकर अपने साथ हुई नाइंसाफी का गम हल्का कर रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब 3000 अतिथि अध्यापकों की जांच के बाद विदाई निश्चित है। जिनमें से एक हजार से ज्यादा 2008 के बाद नियुक्त हुए अतिथि अध्यापकों के बारे में पहले ही हटाने के आदेश जारी हो चुके हैं। अनियमित ढंग से लगे अतिथि अध्यापकों व नियोक्ता अधिकारियों को अब मुकद्दमे व रिकवरी होने का डर सता रहा है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment