Sunday, October 31, 2010

निर्धारित फीस से ज्यादा नहीं ले सकते निजी डीएड कालेज






पानीपत: हरियाणा राज्य में डीएड कोर्स संचालित कर रहे 328 निजी डीएड कालेज सरकार द्वारा निर्धारित फीस से ज्यादा फीस नहीं ले सकते। यह जानकारी सूचना कानून अधिकार के तहत एससीईआरटी गुडग़ांव द्वारा दलीप बिश्नोई को पत्र क्रमांक आरटीआई/2010/314 दिनांक 19-10-10 द्वारा दी गई है। श्री बिश्नोई ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा 6 फरवरी 2009 को डीएड फीस निर्धारित करने के संबंध में नोटीफिकेशन नंबर 4/11/2009-1-ईडीयू द्वारा डीएड फीस कमेटी गठित की गई। जिसके द्वारा निर्धारित फीस को हरियाणा सरकार ने 23-6-2009 को पत्र द्वारा सूचित करते हुए बताया कि निजी डीएड कालेज डीएड कोर्स की फीस 18400 रुपए वार्षिक ही ले सकते हैं। जिसमें 7600 रुपए की राशि दाखिले के समय तथा 3600 रुपए की तीन किस्तें तिमाही आधार पर छात्रों को देनी है। स्टेट फीस कमेटी द्वारा यह भी सख्त प्रावधान किया गया कि निजी कालेज छात्र से फीस सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से ही ले सकते हैं। निजी कालेज सरकार द्वारा निर्धारित 18400 रुपए फीस के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं वसूल सकते हैं। वार्षिक परीक्षा के समय निर्धारित शुल्क छात्र से लिया जा सकता है। एससीईआरटी को वर्तमान में डीएड कोर्स हेतु जारी दाखिला प्रक्रिया के दौरान कुछ निजी कालेजों द्वारा छात्रों से ज्यादा फीस मांगने, एकमुश्त फीस मांगने व दाखिला देने से इंकार करने जैसी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिस पर एससीईआरटी द्वारा उचित कार्रवाई की गई है। एससीईआरटी द्वारा छात्रों की शिकायतों के संबंध में यह जानकारी दी गई कि छात्र निजी कालेजों के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत अध्यापक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता श्री अशोक यादव को उनके मोबाइल नंबर 09868517188 पर कर सकते हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में हरियाणा राज्य में 19 सरकारी व 328 निजी संस्थान डीएड कोर्स संचालित कर रहे हैं, जिनमें क्रमश: 2700 व 17350 सीटें उपलब्ध हैं। डीएड कोर्स की शेष बची सीटों के लिए दाखिलों हेतु द्वितीय काऊंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। जेबीटी छात्र व डिप्लोमा होल्डर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दलीप बिश्नोई ने छात्रों से आह्वान किया कि वे निर्भीक होकर निजी कालेजों द्वारा की गई किसी भी ज्यादती अथवा ज्यादा फीस मांगने की शिकायत लिखित रूप में एससीईआरटी में करें व अनावश्यक शोषण से बचें।

सौजन्य: दलीप बिश्नोई, 9996007625

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